मेंहदीपुर में संकट कटता ओपरी पराई का भजन लिरिक्स

मेंहदीपुर में संकट कटता,
ओपरी पराई का,
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई का।।



अर्जी लावण आले ने,

बाबा का आर्शीवाद मिले,
बीच भवन में एक कुणे में,
डिब्बे में प्रसाद मिले,
कोए कोए रोट लगावः स,
अपणी कष्ट कमाई का,
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई का।।



सवामणी आले जा,

अपणा नाम लिखादेंं सं,
कितणा जल और कितणा मीठा,
आटा सब लिखादें सं,
मंदिर अंदर भोग लगेगा,
ना धोखा आने पाई का,
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई का।।



भैरव जी प चढ़ती आई,

उड़द सदा रंग काले की,
प्रेतराज प चावल चढ़ते,
जलेबी समाधी आले की.
बालाजी प लाड्डु चढ़ते,
काम ना बालु सयाई का,
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई का।।



पेशी ऊपर पेशी आवः,

वचना के महां लेव सं,
प्रेतराज की पोड़ी धोरः,
घणे धुमणी लेवं सं,
धरती के महां सिर मारः,
जब होता असर पिटाई का,
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई का।।



एक गाम में दो ब्रहाम्ण,

लिए ज्ञान का झोला र,
गुरू मुरारी जग्गनाथ का,
हरियाणे में रोला र,
अशोक भक्त कह,
इन बुढ़यां ने,
बहम पड़ा कविताई का,
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई का।।



मेंहदीपुर में संकट कटता,

ओपरी पराई का,
नीचे मंदिर बालाजी का,
ऊपर काली माई का।।

गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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