शान्तिनाथजी कह गये बीरा भजन लिरिक्स

शान्तिनाथजी कह गये बीरा,
सब भक्ता ने कईजो रे,
जालौरी पीरजी कह गये बीरा,
सब भक्ता ने कईजो रे,
अरे नाथजी री मंशा भईया,
पीरजी मंशा भईया थे,
सुण लिजो रे सुणजो भक्त गणा,
नाथजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा।।



नसा पता री आदत बुरी,

मत मारो कालजीये छुरी,
कंचन वर्णि काया रे क्यु,
कलंक लगावो रे,
सुणजो भक्त गणा,
पीरजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा,
सतगुरुजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा।।



टाबर टुबर सगला ही रोवे,

पुरखो री जागीरी खोवे,
बहन बेटी थारी रोती जावे,
मात पिता गणो दुख पावे,
क्यु आग लगावे रे,
सुणजो भक्त गणा,
नाथजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा,
पीरजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा,
सतगुरुजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा।।



दारु सु मरीयादा जावे,

दुख दालीदर घर मे आवे,
भाई सेण और भला मानस रे,
निजरा सु भी थु गिर जावे,
कालो मुडो है इण दारु रो,
मत हाथ लगावो रे,
सुणजो भक्त गणा,
नाथजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा,
पीरजी थाने यु समझावे रे,,
सुणजो भक्त गणा,
सतगुरुजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा।।



बेटी थारी हुई सयाणी,

कद बनसी वा दुल्हन रानी,
कोडी-कोडी माया जोडी,
वा तो थे दारु मे तोडी,
इण दारु रो पापो काट दे
पी परणावो रे,
सुणजो भक्त गणा,
नाथजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा,
पीरजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा,



शान्तिनाथजी गुरु समझावे,

जो समझे परम सुख पावे,,
अन धन लक्ष्मी घर मे आवे,
मान गणेरो जुगत मे पीवे,
लिखे जोरावर गावे,
जोगेन्द्र थे सुण लिजो रे,
सुणजो भक्त गणा,
नाथजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा,
सतगुरुजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा।।



शान्तिनाथजी कह गये बीरा,

सब भक्ता ने कईजो रे,
जालौरी पीरजी कह गये बीरा,
सब भक्ता ने कईजो रे,
अरे नाथजी री मंशा भईया,
पीरजी मंशा भईया थे,
सुण लिजो रे सुणजो भक्त गणा,
नाथजी थाने यु समझावे रे,
सुणजो भक्त गणा।।

भजन प्रेषक –
मदनसिंह जोरावत राठौंड़ बागरा

फ़ोन – ६३७५४२९७२७


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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