दरबार में आकर बाबा के हम दर्द सुनाना भूल गए

Darbar Me Aake Baba Ke Hum Dard Sunana Bhul Gaye

दरबार में आकर बाबा के,
हम दर्द सुनाना भूल गए,
देखे जो हजारो दीन दुखी,
हम अपना फ़साना भूल गए।।

तर्ज – तेरे दर्द से दिल आबाद रहा।



आश्रो से भरो लाखो आँखे,

बेचैन सी है कुछ पाने को,
संसार समंदर के माझी,
संसार समंदर के माझी,
क्या नाव चलाना भूल गए,
देखे जो हजारो दीन दुखी,
हम अपना फ़साना भूल गए।।



जाने पहचाने मुद्दत के,

प्रभु आशा ले के आये है,
क्यूँ चाहने वालो को अपने,
क्यूँ चाहने वालो को अपने,
सीने से लगाना भूल गए,
देखे जो हजारो दीन दुखी,
हम अपना फ़साना भूल गए।।



श्री श्याम बहादुर भक्त बड़े,

दरबार के प्रेम पुजारी थे,
दाता से बड़ा शिव का नाता,
क्या नैन मिलाना भूल गए,
देखे जो हजारो दीन दुखी,
हम अपना फ़साना भूल गए।।



दरबार में आकर बाबा के,

हम दर्द सुनाना भूल गए,
देखे जो हजारो दीन दुखी,
हम अपना फ़साना भूल गए।।

Singer : Mukesh Bagda


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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