करा हाथ जोड़ अरदास,
शरण म लिजो,
शरण म लिजो,
म्हारा गुरुजी मख,
भक्ति दान दई दिजो।।
नही जाऊ तीरथ बरत म,
न गंगा नी नहाऊ,
न गंगा नी नहाऊ,
साहेब जी म्हारा गुरुजी,
हाऊ सदा शरण सुख पाऊं।।
नही जानू वेद पुराण,
गुरुजी ख ध्याऊं,
गुरुजी ख ध्याऊं,
साहेब जी म्हारा गुरुजी,
हाऊ गुरु चरण चित लाऊ।।
भक्ति की बेल कुम्भ्लाई,
प्रेम जल सिंचो,
प्रेम जल सिंचो,
म्हारा गुरुजी साहेब जी,
मख भक्ति दान दई दीजो।।
भगति की ज्योत जगाओ,
जगाओ म्हारा मन म,
जगाओ म्हारा मन म,
आसा सकल तीरथ ख,
बताई देवो इना तन म।।
कस्तूरी खोज म मृग,
फिर रे वन वन म,
फिर रे वन वन म,
असो भटकी रयो यो जीव,
इना नर तन म।।
कसी करू पूजा अरदास,
कसा तुम रिझो,
कसा तुम रीझो,
म्हारा गुरुजी साहेब जी,
मख भक्ति दान दई दिजो।।
कसा भव सी उतरंगा पार,
सागर छे गहरो,
सागर छे गहरो,
आसा हम भी चलंगा साथ,
गुरुजी जरा ठहरो।।
नही सुन यो मन की पुकार,
समय छे बहरो,
समय छे बहरो,
यहां आठों याम तैनात,
काल को पहरो।।
गुरु दे अमरत को प्यालों,
ज्ञानी जन पीजो,
ज्ञानी जन पीजो,
म्हारा गुरुजी मख,
भक्ति दान दई दिजो।।
करा हाथ जोड़ अरदास,
शरण म लिजो,
शरण म लिजो,
म्हारा गुरुजी मख,
भक्ति दान दई दिजो।।
प्रेषक – प्रमोद पटेल।
9399299349